1. तुलसी दास जी ने रामचरितमानस और हनुमान चालीसा जैसे अपने जीवन मे 12 ग्रन्थ की रचना की है।
2. तुलसी दास को महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी कहा गया है।
3. एक ब्राह्राण परिवार मूल नक्षत्र में तुलसी दास जी का जन्म हुआ ,लोगो का मानना है कि तुलसी दास जी अपने माता के गर्भ में 12 महीने रहने के कारण वो हुष्ट-पुष्ट थे।
4. तुलसी दास के जन्म लेते समय उनके मुंह में 32 दांत थे,और जन्म लेने के पश्चात इनके मुख से राम शब्द का उच्चारण हुआ।
5. लोगो का मानना है कि तुलसी दास को राम, लक्ष्मण,हनुमान तथा शिव पार्वती के साक्षात दर्शन मिले है।
6. तुलसी दास को दोबारा अमावस्या के दिन जब भगवान राम के दरसन हुए तथा उन्होंने बालक के रूप में आकर कहा कि बाबा हमे चंदन चाहिए।
7. तुलसी दास जी ने श्री राम जी के अद्भुत रूप को निहार कर अपनी सुध-बुध ही भूल गये थे।
8. तुलसी दास जी के पैदा होते ही उनके माँ का निधन हो गया ,जिसके कारण उनके पिता जी ने उनको अशुभ मानकर चुनिया दासी को दे दिया।
9. तुलसी दास का विवाह रत्नावली से हुआ और वह उसकी सुंदरता पे मोहित थे।
10. सन 1680 ई: में तुलसी दास का निधन हो गया।
मरने के पहले से ही राम राम शब्द का उच्चारण करने लगे थे।
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