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Wednesday, 24 January 2018

वायरल फीवर के लिए घरेलू नुस्खे जो जल्द ही ठीक करे- Fever Home Remedies In Hindi

बदलते मौसम (weather) में वायरल फीवर होना आम बात है। मौसम बदलने और तापमान के उतार-चढ़ाव (Fluctuation) के कारण हमारे शरीर का "Immune system" बहुत कमज़ोर हो जाता है और वायरस सेे शरीर संक्रमित (Infected) हो उठता है। आमतौर (Usually) पर लोग वायरल फीवर को आम बुखार समझ कर घर में पड़ी कोई भी दवा खा लेते हैं लेकिन इसे ज्यादा दिनों तक नजरअंदाज (ignore) सी का रह-रह कर आना वायरल फीवर के शुरुआती लक्षण (Symptoms) हैं। इन लक्षणों को इग्नोर करने पर इसके वायरस पनपने (Flourish) लगते हैं। इसके बाद सप्ताह भर तक शरीर बुखार की चपेट (Grip) में घिरा रहता है।




वायरल फीवर के लक्षण-Symptoms of viral fever
1. गले में दर्द होना
2. बदन दर्द या मसल्स पेन
3. खांसी (cough) आना
4. सिरदर्द या त्वचा में रैशेज होना
5. सर्दी-गर्मी लगना
6. आंखों में जलन (jealousy)
7. थकान महसूस (Feel) होना
8. तेज़ बुखार।

क्या है इसका इलाज-What is the treatment
वायरल होने पर शरीर में थकान (Fatigue) का एहसास होता है और बहुत कमजोरी महसूस होती है। तेज़ बुखार होने पर पैरासिटामोल जैसी दवा ही लेनी चाहिए। बुखार के दौरान गला काफी सूखता है, इसलिए ज्य़ादा से ज्य़ादा तरल पदार्थों का सेवन (Intake) करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए। गले में खराश या दर्द हो तो गर्म पानी में नमक डाल कर उससे गरारा करें। सुबह-शाम ऐसा करने पर राहत महसूस होगी। जितना हो सके, आराम (rest) करें। इसके अलावा दिन भर हलका गुनगुना (Lukewarm) पानी पीते रहें। ध्यान रखें कि इस दौरान किसी भी एंटीबायोटिक दवा का सेवन न करें क्योंकि एंटीबायोटिक लेने से बुखार पर इसका असर नहीं होता, बल्कि शरीर में थकान और कमजोरी का एहसास ज्य़ादा होने लगता है। तीन दिन से अधिक बुखार रहे तो अपने नजदीकी चिकित्सक (doctor) से जांच कराएं।
बरतें सावधानी-Use caution
1. विटमिन सी का सेवन अधिक करें। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सही रखता है।
2. हल्का खाना ही खाएं



3. पत्तेदार सब्जियां, फूलगोभी और अरबी (Arabic) न खाएं
4. हल्दी, अजवाइन (celery) , अदरक और हींग का अधिक सेवन करें
5. ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पिएं


6. रेस्ट करें और बासी खाना न खाएं
7. गर्म पानी की भाप (Steam) लें
8. छींकते (Sneezes) वक्त मुंह पर रूमाल बांधें
9. घर पर इलाज न करें, तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।

Friday, 15 December 2017

A P J Abdul Kalam Quotes in Hindi-ऐ पी जे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार

ऐ पी जे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार-A P J Abdul Kalam Quotes in Hindi


1. शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का ।

2. क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है |



3. कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये ।

4. अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं। मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे ।

5. भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं। इश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है ।

6. मैं इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता ।

7. महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं ।

8. अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो, मेरा दृढ़तापूर्वक  मानना  है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं। पिता, माता और गुरु ।

9. यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा ।



10. भारत में हम बस मौत, बीमारी, आतंकवाद और अपराध के बारे में पढ़ते हैं ।

11. आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके ।

12. आकाश की तरफ देखिये। हम अकेले नहीं हैं। सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है ।

13. इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं ।

14. किसी भी धर्म में उसे बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना अनिवार्य नहीं बताया गया है ।

15. मुझे बताइए, यहाँ का मीडिया इतना नकारात्मक क्यों है? भारत में हम अपनी अच्छाइयों, अपनी उपलब्धियों को दर्शाने में इतना शर्मिंदा क्यों होते हैं? हम एक माहान राष्ट्र हैं। हमारे पास ढेरों सफलता की गाथाएँ हैं, लेकिन हम उन्हें नहीं स्वीकारते । क्यों ?



16. अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा ।

17. इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे ।

18. तब तक लड़ना मत छोड़ो जब तक अपनी तय की हुई जगह पे ना पहुँच जाओ- यही, अद्वितीय तुम हो। ज़िन्दगी में एक लक्ष्य रखो, लगातार ज्ञान प्राप्त करो, कड़ी मेहनत करो, और महान जीवन को प्राप्त करने के लिए दृढ रहो ।

19. उत्कृष्टता एक सतत प्रक्रिया है कोई दुर्घटना नहीं ।

20. अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो ।

21. पक्षी अपने ही जीवन और प्रेरणा द्वारा संचालित होता है ।

22. हमें हार नहीं माननी चाहिए और हमें समस्याओं को खुद को हराने नहीं देना चाहिए ।

23. शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता है। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद रखते हैं, तो मेरे लिए ये सबसे बड़ा सम्मान होगा ।

24. असली शिक्षा एक इंसान की गरिमा को बढ़ाती है और उसके स्वाभिमान में वृद्धि करती है। यदि हर इंसान द्वारा शिक्षा के वास्तविक अर्थ को समझ लिया जाता और उसे मानव गतिविधि के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाता, तो ये दुनिया रहने के लिए कहीं अच्छी जगह होती ।

25. जब बच्चे १५,१६, या १७ साल के होते हैं तब वे तय करते हैं कि उन्हें डॉक्टर, इंजिनियर या राजनीतिज्ञ बनना है या मंगल ग्रह या चंद्रमा पे जाना है, और ये वो समय होता है जब आप उन पर काम कर सकते हैं । आप उन्हें अपने सपनो को आकार देने में मदद कर सकते हैं ।

26. जब हम बाधाओं का सामना करते हैं, हम अपने साहस और फिर से खड़े होने की ताकत के छिपे हुए भण्डार को खोज पाते हैं, जिनका हमें पता नहीं होता कि वो हैं। और केवल तब जब हम असफल होते हैं हैं एहसास होता है कि संसाधन हमेशा से हमारे पास थे। हमें केवल उन्हें खोजने और अपनी जीवन में आगे बढ़ने की ज़रूरत होती है ।

27. एक सबक जो हर एक देश चीन से सीख सकता है वो है ग्रामीण स्तर के उद्यमों, उत्तम स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं बनाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करना ।

28. राष्ट्रपति पद का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। एक बार राष्ट्रपति चुन लिया जाए, तो वह राजनीति से ऊपर है ।

29. मेरा विचार है कि छोटी उम्र में आप अधिक आशावादी होते हैं और आपमें कल्पनाशीलता भी अधिक होती है, इत्यादि। आपमें पूर्वाग्रह भी कम होता है ।

30. जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ताकत का सम्मान करती है ।

31. जो अपने दिल से काम नहीं कर सकते वे हासिल करते हैं, लेकिन बस खोखली चीजें, अधूरे मन से मिली सफलता अपने आस-पास कड़वाहट पैदा करती है ।

32. हम केवल तभी याद किये जायेंगे जब हम हमारी युवा पीढ़ी को एक समृद्ध और सुरक्षित भारत दें, जो आर्थिक समृद्धि और सभ्यता की विरासत का परिणाम होगा ।

33. भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलना होगा, नैतिक मूल्यों के साथ एक समृद्ध व् स्वस्थ देश ।

34. दुनिया की लगभग आधी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और ज्यादातर गरीबी की हालत में। मानव विकास में ऐसी असमानता अशांति की प्रमुख वजहों में से एक रहा है, और विश्व के कुछ हिस्सों में हिंसा की भी ।



35. भारत बिना परमाणु हथियारों के रह सकता है। ये हमारा सपना है, और ये अमेरिका का भी सपना होना चाहिए ।

36. जीवन एक कठिन खेल है। आप एक व्यक्ति होने के अपने जन्मसिद्ध अधिकार को बनाये रखकर इसे जीत सकते हैं ।

37. मेरे लिए, नकारात्मक अनुभव जैसी कोई चीज नहीं है।

38. भारत के लिये मेरा 2020 विजन है- इसे एक विकसित राष्ट्र में बदल देना। ये भावात्मक नहीं हो सकता; यह एक जीवन रेखा है ।

39. हमें एक अरब लोगों के देश की तरह  सोचना और काम करना चाहिए, ना कि दस लाख आबादी वाले देश की तरह। सपने देखो, सपने देखो, सपने देखो |

40. एक लोकतंत्र में, देश की समग्र समृद्धि, शांति और ख़ुशी के लिए हर एक नागरिक की कुशलता, वैयक्तिकता और ख़ुशी आवश्यक है ।

41. मेरा बाल बढ़ता ही जाता है; आप इसे रोक नहीं सकते- ये बढ़ता रहता है, ये बेहिसाब बढ़ता है ।

42. देखिये, भगवान् केवल उन्ही की मदद करता है जो कड़ी मेहनत करते हैं। ये सिद्धांत बिलकुल स्पष्ट है ।

43. किसी विद्यार्थी की सबसे ज़रूरी विशेषताओं में से एक है पश्न पूछना। विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने दीजिये ।

44. विज्ञान मानवता के लिए एक खूबसूरत तोहफा है; हमें इसे बिगाड़ना नहीं चाहिए ।



45. चलिए मैं एक लीडर को डिफाइन करता हूँ। उसमे एक विजन और पैशन होना चाहिए और उसे किसी समस्या से डरना नहीं चाहिये। बल्कि, उसे पता होना चाहिए कि इसे हराना कैसे है। सबसे ज़रूरी, उसे ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए ।

46. ईश्वर की संतान के रूप में, मैं मुझे होने वाली किसी भी चीज से बड़ा हूँ ।

47. जब वैज्ञानिक और रक्षा प्रौद्योगिकियों के लिए भव्य योजनाएं बनायीं जाती हैं, तो क्या सत्ता में बैठे लोग प्रयोगशालाओं और फील्ड में काम करने वाले लोगों के बलिदानों के बारे में सोचते हैं ?

48. जब आप अपने ऊपर लाइट बल्ब को देखते हैं, आप थॉमस अल्वा एडीसन को याद करते हैं। जब टेलीफ़ोन की घंटी बजती है, आप अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को याद करते हैं। मैरी क्यूरी नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला थीं। जब आप नीले आकाश में देखते हैं, आप सर सी.वी. रमन के बारे में सोचते हैं ।

49. अब ऊँगली की एक क्लिक पर उपलब्ध जानकारी मुझे आश्चर्यचकित कर देती है ।

50. मैं हाई स्कूल में था जब पंडित जवाहरलाल नेहरु ने नयी दिल्ली में भारत का झंडा फहराया था ।

Thursday, 14 December 2017

Taj Mahal Biography In Hindi-ताज महल की जीवनी

इश्क एक इबादत है तो ताजमहल उस इबादत की जानदार तस्वीर, मोहब्बत की इस अजिमोशान ईमारत को देखकर लोग आज भी प्यार पर भरोसा करते है, क्योकि इस प्यार में समर्पण, त्याग, ख़ुशी और वो सबकुछ है जो इश्क को मुकम्मल जहा देता है।


प्यार की मिसाल माना जाने वाला दुनिया का यह अजूबा, भारत का गर्व है। इस अद्भुत स्मारक को सफ़ेद संगमरमर से शाहजहाँ द्वारा उसकी बेगम मुमताज़ की याद में बनवाया गया था। दुनिया का हर एक इंसान आज ताजमहल देखने की चाह रखता है क्योकि इसे मोहब्बत का मंदिर कहा जाता है। यमुना नदी के किनारे पर स्थित यह ईमारत एकविस्मरणीय स्थल है।



1631 में, शाहजहाँ के साम्राज्य ने हर जगह अपना जीत का परचम लहराया था। उस समय Shahjahan की सभी बेगम में उनकी सबसे प्रिय बेगम मुमताज़ महल थी। लेकिन पर्शियन बेगम मुमताज़ महल की मृत्यु अपने चौदहवे बच्चे को जन्म देते समय हो गयी, उनके चौदहवे बच्चे का नाम गौहर बेगम था। Taj Mahal का निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ (शासनकाल 1628 से 1658) ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था, ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू हुआ।

शाहजहाँ चाहते थे की दुनिया मुमताज़ और उनकी प्रेम कहानी को हमेशा याद रखे, इसीलिए उनकी याद में वे कुछ इतिहासिक धरोहर बनाना चाहते थे। जिसमे ताजमहल का निर्माण हुआ।

ताजमहल भारत के आगरा शहर में यमुना नदी के तट पट स्थित एव विश्व धरोहर मकबरा है। ताजमहल में मकबरे और महेमानघर का भी समावेश है और साथ ही इसके दोनों और गार्डन्स भी है।

ताजमहल का निर्माण लगभग 1643 में ही ख़त्म हो गया था लेकिन फिर भी उसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिये और 10 सालो तक काम किया गया। ताजमहल का निर्माण तक़रीबन 1653 में पूरा हो गया था और उस समय उसे बनाने में लगभग 32 मिलियन रुपयों का खर्चा लगा था, ताजमहल का निर्माण जानकारी के अनुसार 25000+ कारीगरों ने किया था। उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है।



सन 1983 में ताजमहल, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली, अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया। रबिन्द्रनाथ टैगोर ने अपने लेख, “दी टियर-ड्राप ऑन दी चीक ऑफ़ टाइम” में उस समय मुग़ल कालीन बहोत सी वस्तुकलाओ का वर्णन किया था, और भारतीय इतिहास की महान कृतियों को दुनिया के सामने रखा था।

हर साल ताजमहल को लगभग 9 से 10 मिलियन लोग देखने आते है। 2007 में, ताजमहल को दुनिया के 7 आश्चर्य की सूचि में भी शामिल किया गया था।

वास्तुकला और बनावट :


ताजमहल का निर्माण पर्शियन और प्राचीन मुग़ल परम्पराओ को ध्यान में रखते हुए किया गया। जिसमे अधिकतर प्रेरणा उन्हें मुघलाकालिन दूसरी इमारते जैसे गुर-इ-अमीर, हुमायूँ का मकबरा, इत्माद-उद-दूलह मकबरा और जामा मस्जिद से मिली। प्राचीन मुग़ल काल में प्रायः इमारतो का निर्माण लाल बलुआ पत्थरो से किया जाता था लेकिन शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण सफ़ेद मार्बल से करने की ठानी। इस से ताजमहल की सुंदरता को चार चाँद लग गये।


बेगम मुमताज़ महल कब्र–


ताजमहल के मध्य में मुमताज़ महल कब्र को रखा गया है। बेगम मुमताज़ महल कब्र कभी बड़ी और सफ़ेद मार्बल से बनी हुई, उनकी कब्र को काफी अलंकृत किया गया है। मुस्लिम परंपरा के अनुसार कब्र की विस्तृत सज्जा मन है। इसलिए शाहजहाँ एवं मुमताज़ के पार्थिव शरीर इसके निचे तुलनात्मक रूप से साधारण, असली कब्रों में दफ्न है, जिनके मुख दाये एवं मक्का की तरफ है।

मुमताज़ महल की कब्र आतंरिक कक्ष में स्थित है। उनकी कब्र का आधार लगभग 55 मीटर का बना है। उनकी कब्र का आधार एवं ऊपर का श्रुंगारदान रूप, दोनों ही बहुमूल्य पत्थरो एवं रत्नों से जड़े है। इस पर किया गया सुलेखन मुमताज़ की पहचान एवं प्रशंसा है। शाहजहाँ की कब्र मुमताज़ की कब्र के दक्षिण की तरफ है।

ताजमहल के पीछे एक बहुचर्चित कथा भी है, जिसके अनुसार मानसून की पहली वर्षा में पानी की बुँदे इनकी कब्र पर गिरती है। जैसा की रबिन्द्रनाथ टैगोर के इस मकबरे के वर्णन से प्रेरित है, “एक अश्रु मोती…समय के गाल पर”। ऐसी बहोत सी कथाये ताजमहल को लेकर इतिहास में प्रचलित है।

यमुना नदी के किनारे सफ़ेद पत्थरो से निर्मित अलौकिक सुंदरता की तस्वीर “ताजमहल” न केवल भारत में, बल्कि पुरे विश्व में अपनी पहचान बना चूका है। प्यार किस इस निशानी को देखने के लिये दूर देशो से हजारो लोग यहाँ आते है। दुधिया चांदनी में नाहा रहे ताजमहल की खूबसूरती को निहारने के बाद आप कितनी भी उपमाये दे, वह सारी फीकी लगती है।

ऐसा कहा जाता है जिन कारीगरों ने ताजमहल का निर्माण किया था, शाहजहाँ ने निर्माण होने के बाद उन कारीगरों के हात कटवा दिए थे। इस प्रकार के कई दावे ताजमहल को लेकर इतिहास में किये जाते है। इस ईमारत का निर्माण सदा से प्रशंसा एवं गर्व का विषय रहा है। इसने धर्म, संस्कृति एवं भूगोल की सीमाओ को पार करके लोगो के दिलो से व्यक्तिगत एवं भावनात्मक प्रतिक्रिया कराइ है। आज भी लोग लोग ताज महल को शाहजहाँ और मुमताज़ के मोहब्बत की निशानी मानते है। आज विश्व के सबसे सुन्दर भवनों में से एक ताजमहल है।

आगरा का ताजमहल भारत की शान और प्रेम का प्रतिक माना जाता है।

 ताजमहल की कुछ रोचक बाते–Taj Mahal  Facts


1. इस मनमोहक ईमारत को कुल 25000 से भी जादा लोगो ने मिलकर बनाया था जिनमे मजदुर, पेंटर, आर्टिस्ट और कई कलाकार भी शामिल थे।

2. ताजमहल बनाते समय लगने वाले सामान को स्थानांतरित करने के लिये लगभग 1500 हातियो का उपयोग किया गया था।

3. इतिहासकारों के अनुसार शाहजहाँ ने नदी के दुसरे किनारे पर काले पत्थरो से एक और ताजमहल बनाने की योजना बनायी थी अपने बेटे औरंगज़ेब से ही युद्ध होने के कारण उनकी यह योजना पूरी नही हो सकी।

4. ताजमहल को शाहजहाँ की तीसरी और सबसे प्रिय पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनाया गया था और उसे बनाने में तक़रीबन 18 साल लगे थे।

5. कहा जाता है की मुमताज़ की मृत्यु का शाहजहाँ पर काफी असर हुआ था उनकी मृत्यु के बाद से ही शाहजहाँ की हालत भी काफी ख़राब हो गयी थी। कहा जाता है की शाहजहाँ मरते दम तक मुमताज़ को भूल नही पाए थे।



6. ताजमहल के चारो तरफ की मीनारों की छाया एक अलग ही आईने जैसा प्रतिबिम्ब निर्मित करती है। इसे भी लोग एक चमत्कार ही मानते है बल्कि कई आर्किटेक्चर भी इस पहेली को सुलझा नही पाए है।

7. ताजमहल महमोहन गार्डन और इतिहासिक इमारतो से घिरा हुआ है जिसमे मस्जिद और गेस्ट हाउस शामिल है, तक़रीबन 17 हेक्टर्स जमीन पर ताजमहल का परीसर फैला हुआ है।

8. ताजमहल की कुल ऊंचाई तक़रीबन 73 m है।

9. ताजमहल दिन में अलग-अलग समय में अलग-अलग रंगों में दिखाई देता है, सुबह के समय वह हल्का सा गुलाबी और शाम में दुधेरी सफ़ेद जैसा और रात में हल्का सुनहरा दिखाई देता है। लोगो का रंगों के बदलने से तात्पर्य महिलाओ के मूड (स्वभाव) के बदलने से है।

10. ताजमहल की दीवारों पर पहले काफी बहुमूल्य रत्न लगे हुए थे लेकिन 1857 की क्रांति में ब्रिटिशो ने उसे काफी हानि पहोचायी थी। 

Sunday, 3 December 2017

Mahendra Singh Dhoni Biography In Hindi-महेंद्र सिंह धोनी जीवनी

पूरा नाम – महेंद्र सिंह धोनी / Mahendra Singh Dhoni
जन्म     – 7 जुलाई 1981
जन्मस्थान – रांची, बिहार(झारखण्ड)
पिता     – पान सिंह
माता     – देवकी देवी
विवाह   – साक्षी सिंह रावत

महेंद्र सिंह धोनी जीवनी – Mahendra Singh Dhoni biography in Hindi


धोनी एक भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान भारतीय अंतर्राष्ट्रीय टीम के कप्तान है. एक दाए हात के आक्रामक मध्यक्रम बल्लेबाज और विकेट-कीपर है, अपनी आक्रामक शैली से मैच को खत्म करने वाले बल्लेबाज के रूप में वे जाने जाते है. उन्होंने दिसम्बर 2004 से बांग्लादेश के विरुद्ध अपने एकदिवसीय क्रिकेट की शुरुवात की और अपना पहला टेस्ट क्रिकेट एक साल बाद ही श्रीलंका के विरुद्ध खेला.



Mahendra Singh Dhoni ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम के कई रिकार्ड्स भी बनाये जैसे किसी भी कप्तान की तुलना ने उन्होंने भारत को एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक जीत दिलाई और साथ ही एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट में भारत को लगातार जीत दिलाते रहने वाले वे अकेले कप्तान है. उन्होंने 2007 में राहुल द्रविड़ से कप्तानी ली और अपनी कप्तानी में उन्होंने भारतीय टीम को श्रीलंका और न्यू-ज़ीलैण्ड में पहली दफा जीत का स्वाद चखाया.

उनकी कप्तानी में, भारत ने 2007 ICC World Twenty20, CB सीरीज 2007-08, एशिया कप 2010, 2011 ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप और 2013 ICC चैंपियंस ट्राफी जीती. 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में धोनी ने 79 गेंदों में नाबाद 91 रन की पारी खेली जो भारत को विश्व चैंपियन बनाने के लिए बहोत मदतगार साबित हुई, और इस वजह से उन्हें उस मैच का “मैन ऑफ़ द मैच” का पुरस्कार नही दिया गया.

जून 2013 में,इंग्लेंड में जब भारत ने चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में इंग्लेंड को पराजित किया था, उसी वक़्त धोनी भारत को तीनो सिमित-ओवर की ट्राफी(वर्ल्ड कप चैंपियंस ट्राफी और वर्ल्ड ट्वेंटी-ट्वेंटी) दिलाने वाले पहले कप्तान बन गये थे.

2008 में टेस्ट मैचों की भी कप्तानी लेने के बाद उन्होंने टीम को सफलता के शिखर पर ले जाकर न्यू-ज़ीलैण्ड और वेस्ट-इंडीज में जीत दिलाई और साथ ही बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी 2008,2010 और 2013 में भी जीत दिलाई. 2009 में, धोनी ने पहली बार भारतीय टीम को टेस्ट रैंकिंग में पहले पायदान पर पहोचाया.

2013 में, उनकी कप्तानी में भारत 40 सालो बाद पहली ऐसी टीम बनी जिसने ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट मैचों में वाइट-वाश किया था. और इंडियन प्रीमियर लीग में वे चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान बने 2010 और 2011 के सीजन में इतिहास रचा और 2010 और 2014 की चैंपियंस लीग ट्वेंटी ट्वेंटी भी जीती. और उन्होंने दिसम्बर 2014 में टेस्ट क्रिकेट से अपने सन्यास की घोषणा की.



एयर इंडिया से निर्वासित (रिजाइन) करने के बाद, धोनी ने इंडिया सीमेंट प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष का पद भी लिया है. इंडिया सीमेंट ये आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स की मालक है, और पहले आईपीएल सीजन से धोनी उस टीम के भी कप्तान है. धोनी इंडियन सुपर लीग टीम चेंनैयीं FC के सह-मालक भी है.

धोनी कई पुरस्कारों के हकदार रह चुके है, जिनमे 2008 और 2009 में ICC ODI प्लेयर ऑफ़ द इयर(दो बार ये पुरस्कार जितने वाले पहले खिलाडी), 2007 में राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड और पदम् श्री, 2009 में भारत के चौथे सिविलियन का सम्मान उन्हें प्राप्त है. उनका नाम 2009 के ICC वर्ल्ड टेस्ट इलेवन और ICC वर्ल्ड ODI इलेवन के कप्तान के रूप में भी रखा गया है.

कपिल देव के बाद वे दुसरे भारतीय खिलाडी है जिन्हें इंडियन आर्मी का भी सम्मान पद मिला है. 2011 में, दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूचि में भी धोनी का नाम लिखा गया था. 2012 में, दुनिया के सबसे कीमती खिलाडियों में 16 वे नंबर पर है. जून 2015 में, फ़ोर्ब्स ने धोनी को सबसे ज्यादा कीमती खिलाडियों की सूचि में 23 वे नंबर पर रखा, और उनके अनुसार उनकी कमाई US$31 मिलियन रही.


महेंद्र सिंह धोनी का प्रारंभिक जीवन 


धोनी का जन्म रांची, बिहार(झारखण्ड) में हुआ. उनके पिता का नाम पान सिंह व् माता श्रीमती देवकी देवी उनके पैत्रक गाव, लावली उत्तरखंड के अल्मोरा जिले के अंतर्गत लामगढ़ा ब्लाक में है. उनके पिता माता उत्तरखंड से रांची चले आये जहा उनके पिताजी श्री पण सिंह मेकोन कंपनी जे जूनियर मैनेजमेंट वर्ग में काम करने लगे.

धोनी की एक बहन है जिनका नाम है जयंती और एक भाई है जिनका नाम है नरेंद्र. धोनी एडम गिलक्रिस्ट के बहोत बड़े फेन है, और उनके बचपन के आदर्श खिलाडी उनके अभी के सह-खिलाडी सचिन तेंदुलकर थे, और बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन उन्हें पसंद थे और गायक में वे लता मंगेशकर को पसंद करते थे.

धोनी दी ए वि जवाहर विद्यालय मंदिर, श्यामली, रांची, झारखण्ड में पढ़ते थे जहा उन्होंने शुरू से ही बैडमिंटन और फुटबॉल में अपना हुनर प्रदर्शन किया जिस कारन वे जिला व् क्लब लेवल में भी चुने गए. धोनी अपने फुटबॉल टीम के गोलकीपर भी रह चुके है. उन्हें लोकल क्रिकेट क्लब में क्रिकेट खेलने के लिए उनके फुटबॉल कोच ने भेजा था.

हालाँकि उसने कभी क्रिकेट नहीं खेला था, फिर भी धोनी ने अपने विकेट-कीपिंग के कौशल से सबको प्रभावित किया और कमांडो क्रिकेट क्लब के (1995-1998) में नियमित विकेटकीपर बने. क्रिकेट क्लब में उनके अच्छे प्रदर्शन के कारन उन्हंप 1997-98 सीजन के विनु मांकड़ ट्राफी अंडर सिक्सटीन चैंपियनशिप में चुने गए जहा उन्होंने बहेतरिन प्रदर्शन किया. दसवी कक्षा के बाद ही धोनी ने क्रिकेट में अपना ध्यान दिया.



धोनी दक्षिण रेलवे के 2001 से 2003 तक खरगपुर रेलवे स्टेशन पर टीटीई (ट्रेन टिकेट एग्जामिनर) रह चुके है, वे हमेशा उनकी शरराती हरकतों के लिए जाने जाते थे. एक बार, धोनी जब किसी स्टेशन के रेलवे क्वार्टर पर रह रहे थे, तब धोनी और उनके दोस्त ने खुद को सफ़ेद कम्बल से पूरी तरह ढक लिया था और देर रात तक स्टेशन पर घूम रहे थे. वहा पर उपस्थित पहरेदार उन्हें देख कर घबरा गया क्यू की उसे यकीं नहीं हो रहा था की इतनी रात में वहा कोई भुत घूम रहा है. उनकी यही शरारत दुसरे दिन एक बड़ी खबर बन गयी थी.

धोनी का वैयक्तिक जीवन


धोनी ने साक्षी सिंह रावत से शादी की जो उनकी दी. ए. वि. जवाहर विद्यालय मंदिर श्यामली में उनकी सहकर्मी थी. वो जन्मजात देहरादून, उत्तराखंड से थी. उनकी शादी के समय, वो होटल मैनेजमेंट की पढाई कर रही थी और प्रशिक्षक की तरह तेज बंगाल कोलकाता में काम कर रहीं थी. बाद में उनकी शादी हुई और धोनी 6 फेब्रुअरी 2015 को एक बेटी “जीवा” के पिता बने.

महेंद्र सिंह धोनी की खेल शैली 


धोनी एक आक्रमक दाये हात के बल्लेबाज और विकेटकीपर है. धोनी साधारणतः माध्यम वर्ग के बल्लेबाज है लेकिन मैच की दशा और दिशा देखकर वे अपने बेटिंग स्टाइल को बदलते रहते है. क्यू की एक कप्तान की तरह ये उनकी जवाबदारी है. वो एक शक्तिशाली हीटर और सबसे तेजी से रन बनाने वाले बल्लेबाजो में से एक है.

उनके विकेटकीपर की अनोखी स्टाइल को कई क्रिकेट विद्वानों ने भी सराहा. और उन्होंने अपनी विकेट कीपिंग से कई विश्व रिकार्ड्स भी बनाये.


निच्छित ही धोनी आने वाले युवा खिलाडियों के प्रेरणास्त्रोत है.


निच्छित ही धोनी आने वाले युवा खिलाडियों के प्रेरणास्त्रोत है. ऐसा नहीं है की धोनी शुरुवात से ही क्रिकेट जगत में सफल होते गये, उनके सामने कई चुनौतिया आई. कप्तान बनने के बाद कई बार लोगो ने उनकी आलोचना भी की. लेकिन उन्होंने उन आलोचनाओ की ओर ध्यान ना देते हुए अपने खेल को और अधिक सुन्दर बनाने का प्रयास किया. और पूरी भारतीय टीम को विश्व में प्रथम स्थान पर ला खड़ा किया. और आज वे पुरे भारत के चहेते बन गये है.

कई बार लोग किसी काम को इसी वजह से छोड़ देते है की जब वे वो काम करेंगे तो “लोग क्या कहेंगे?”. इस प्रश्न के दिमाग में आते ही कई लोग अपने काम को बिच में ही छोड़ देते है. लेकिन अगर हम किसी भी महापुरुष की जीवनी को देखे तो हमें ऐसा दिखेगा की उन्होंने किसी भी नए काम की शुरुवात लोगो की चिंता किये बिना ही शुरू किया. और बाद में जो लोग उनकी आलोचना करते थे वही लोग उनका साथ देने लगे.</div>

Bill Gates Biography in Hindi-बिल गेट्स की जीवनी

आज हम फिर एक बार आपके समक्ष एक ऐसे मनुष्य की जीवनी लेकर प्रस्तुत हैं जिन्होंने अपने जीवन में अपनी कड़ी मेहनत से न केवल सफलता के शिखर को छुआ, अपितु इतनी प्रसिद्धि भी प्राप्त की कि वह कई लोगों के प्रेरणा स्रोत बन गए – इनका नाम है “बिल गेट्स” |

बिल गेट्स की जीवनी-Bill Gates Biography in Hindi



बिल गेट्स को किसी परिचय कि आवश्यकता नहीं है, वह पूरी दुनिया में अपने कार्यों से जाने जाते हैं | हम सभी यह भली भांति जानते हैं कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ "Software Company" “Microsoft” की नींव भी "Bill Gates" के द्वारा ही रखी गयी है |

आइये आज हम आपको बिल गेट्स की जीवनी की विस्तार पूर्वक जानकारी देते हैं |

बिल गेट्स का परिवार 


बिल गेट्स का वास्तविक तथा पूर्ण नाम विलियम हेनरी गेट्स है | इनका जन्म 28 October, 1955 को वाशिंगटन के सिएटल में हुआ |

इनके परिवार में इनके अतिरिक्त चार और सदस्य थे – इनके पिता विलियम एच गेट्स जो कि एक मशहूर वकील थे, इनकी माता मैरी मैक्‍सवेल गेट्स जो प्रथम इंटरस्टेट बैंक सिस्टम और यूनाइटेड वे के निदेशक मंडल कि सदस्य थी तथा इनकी दो बहनें जिनका नाम क्रिस्टी और लिब्बी हैं |

"Bill Gates" ने अपने बचपन का भी भरपूर आनंद लिया तथा पढ़ाई के साथ वह खेल कूद में भी सक्रिय रूप से भाग लेते रहे |



बिल गेट्स का बचपन 

उनके माता – पिता उनके लिए क़ानून में करियर बनाने का स्वप्न लेकर बैठे थे परन्तु उन्हें बचपन से ही कंप्यूटर विज्ञान तथा उसकी प्रोग्रामिंग भाषाओं में रूचि थी | उनकी प्रारंभिक शिक्षा लेकसाइड स्कूल में हुई | जब वह आठवीं कक्षा के छात्र थे तब उनके विद्यालय ने  ऐएसआर – 33 दूरटंकण टर्मिनल तथा जनरल इलेक्ट्रिक (जी.ई.) कंप्यूटर पर एक कंप्यूटर प्रोग्राम खरीदा जिसमें गेट्स ने रूचि दिखाई |



तत्पश्चात मात्र तेरह वर्ष की आयु में उन्होंने अपना पहला कंप्यूटर प्रोग्राम लिखा जिसका नाम “टिक-टैक-टो” (tic-tac-toe) तथा इसका प्रयोग कंप्यूटर से खेल खेलने हेतु किया जाता था | "Bill Gates" इस मशीन से बहुत अधिक प्रभावित थे तथा जानने को उत्सुक थे कि यह "Software Codes" किस प्रकार कार्य करते हैं |

"Bill Gates Passion"

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के प्रति बिल गेट्स की लगन
इसके पश्चात गेट्स "DEC", "PDP","Mini Computer" नामक सिस्टमों में दिलचस्पी दिखाते रहे, परन्तु उन्हें कंप्यूटर सेंटर कॉरपोरेशन द्वारा ऑपरेटिंग सिस्टम में हो रही खामियों के लिए 1 महीने तक प्रतिबंधित कर दिया गया |

इसी समय के दौरान उन्होंने अपने मित्रों के साथ मिलकर सीसीसी के "Software" में हो रही कमियों को दूर कर लोगों को प्रभावित किया तथा उसके पश्चात वह सीसीसी के कार्यालय में निरंतर जाकर विभिन्न प्रोग्रामों के लिए सोर्स कोड का अध्ययन करते रहे और यह सिलसिला 1970 तक चलता रहा |

इसके पश्चात इन्फोर्मेशन साइंसेस आइएनसी. लेकसाइड के चार छात्रों को जिनमें "Bill Gates" भी शामिल थे, कंप्यूटर समय एवं रॉयल्टी उपलब्ध कराकर "COBOL", पर एक पेरोल प्रोग्राम लिखने के लिए किराए पर रख लिया। इसके पश्चात उन्हें रोकना नामुमकिन था |

मात्र 17 वर्ष कि उम्र में उन्होंने अपने मित्र एलन के साथ मिलकर ट्राफ़- ओ- डाटा नामक एक उपक्रम बनाया जो इंटेल 8008 प्रोसेसर पर आधारित  यातायात काउनटर (Traffic Counter) बनाने के लिए प्रयोग में लाया गया |

1973 में वह लेकसाइड स्कूल से पास हुए तथा उसके पश्चात बहु- प्रचलित  हारवर्ड कॉलेज में उनका दाखिला हुआ | परन्तु उन्होंने 1975 में ही बिना स्नातक किए वहाँ से विदा ले ली जिसका कारण था उस समय उनके जीवन में दिशा का अभाव |

उसके पश्चात उन्होंने "Intel 8080" चिप बनाया तथा यह उस समय का व्यक्तिगत कंप्यूटर के अन्दर चलने वाला सबसे वहनयोग्य चिप था, जिसके पश्चात बिल गेट्स को यह एहसास हुआ कि समय द्वारा दिया गया यह सबसे उत्तम अवसर है जब उन्हें अपनी स्वयं कि "Company" का आरम्भ करना चाहिए |


Microsoft Company कंपनी का उत्थान 


"Micro Instrumentation and Telemetry Systems" जिन्होंने एक माइक्रो कंप्यूटर का निर्माण किया था, उन्होंने गेट्स को एक प्रदर्शनी में उपस्थित होने कि सहमती दी तथा गेट्स ने उनके लिए अलटेयर एमुलेटर (Emulator) निर्मित किया जो "Mini Computer" और बाद में इंटरप्रेटर में सक्रिय रूप से कार्य करने लगा |

इसके बाद "Bill Gates" व् उनके साथी को "MITS" के अल्बुकर्क स्थित कार्यालय में काम करने कि अनुमति दी गयी | उन्होंने अपनी जोड़ी का नाम "Micro-Soft" रखा तथा अपने पहले कार्यालय कि स्थापना अल्बुकर्क में ही की | 26 नवम्बर, 1976 को उन्होंने "Microsoft" का नाम एक व्यापारिक "Company" के तौर पर पंजीकृत किया |

"Microsoft Basic" कंप्यूटर के चाहने वालों में सबसे अधिक लोकप्रिय हो गया था | 1976 में ही "Microsoft MITS" से पूर्णत: स्वतंत्र हो गया तथा "Gates" और "Allen" ने मिलकर कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग भाषा "Software" का कार्य जारी रखा |



इनसे बाद "Microsoft ने Albuquerque" में अपना कार्यालय बंद कर "Bellevue", "Washington" में अपना नया कार्यालय खोला | "Microsoft" ने उन्नति की ओर बढ़ते हुए प्रारंभिक वर्षों में बहुत मेहनत व् लगन से कार्य किया | गेट्स भी व्यावसायिक विवरण पर भी ध्यान देते थे, कोड लिखने का कार्य भी करते थे तथा अन्य कर्मचारियों द्वारा लिखे गए व् जारी किये गए कोड कि प्रत्येक पंक्ति कि समीक्षा भी वह स्वयं ही करते थे |

इसके बाद जानी मानी "Company IBM" ने "Microsoft" के साथ काम करने में रूचि दिखाई, उन्होंने "Microsoft" से अपने पर्सनल कंप्यूटर के लिए बेसिक इंटरप्रेटर बनाने का अनुरोध किया |

कई कठिनाइयों से निकलने के बाद गेट्स ने "Seattle Computer Products" के साथ एक समझौता किया जिसके बाद एकीकृत लाइसेंसिंग एजेंट और बाद में "86-DOS" के वह पूर्ण आधिकारिक बन गए और बाद में उन्होंने इसे आईबीएम को $80,000 के शुल्क पर  "PC-DOS" के नाम से उपलब्ध कराया | इसके पश्चात "Microsoft" का उद्योग जगत में बहुत नाम हुआ |

1981 में Microsoft को पुनर्गठित कर बिल गेट्स को इसका चेयरमैन व् निदेशक मंडल का अध्यक्ष बनाया गया | जिसके बाद "Microsoft" ने अपना "Microsoft Windows" का पहला संस्करण पेश किया | 1975 से लेकर 2006 तक उन्होंने "Microsoft" के पद पर बहुत ही अदभुत कार्य किया, उन्होंने इस दौरान "Microsoft company" के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए |


बिल गेट्स का विवाह व् आगे का जीवन 


1994 में "Bill Gates" का विवाह फ्रांस में रहने वाली "Melinda" से हुआ तथा 1996 में इन्होंने जेनिफर कैथेराइन गेट्स को जन्म दिया | इसके बाद मेलिंडा तथा बिल गेट्स के दो और बच्चे हुए जिनके नाम रोरी जॉन गेट्स तथा फोएबे अदेले गेट्स हैं |

वर्तमान में बिल गेट्स अपने परिवार के साथ वाशिंगटन स्थित मेडिना में उपस्थित अपने सुन्दर घर में रहते हैं, जिसकी कीमत 1250 लाख डॉलर है |

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन का उदय (Rise of the Bill & Melinda Gates Foundation)

वर्ष 2000 में उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर "Bill and Melinda Gates Foundation" की नींव रखी जो कि पारदर्शिता से संचालित होने वाला विश्व का सबसे बड़ा "Charitable Foundation" था |

उनका यह Foundation ऐसी समस्याओं के लिए कोष दान में देता था जो सरकार द्वारा नज़रअंदाज़ कर दी जाती थीं जैसे कि कृषि, कम प्रतिनिधित्व वाले अल्पसंख्यक समुदायों के लिये कॉलेज छात्रवृत्तियां, एड्स जैसी बीमारियों के निवारण हेतु, इत्यादि |

Bill and Melinda Gates Foundation

परोपकारी कार्य (Charitable Work)


सन 2000 में इस "Foundation" ने "Cambridge University" को 210 मिलियन डॉलर गेट्स कैम्ब्रिज छात्रवृत्तियों हेतु दान किये | वर्ष 2000 तक "Bill Gates" ने 29 बिलियन डॉलर केवल परोपकारी कार्यों हेतु दान में दे दिए |



लोगों की उनसे बढती हुई उम्मीदों को देखते हुए वर्ष 2006 में उन्होंने यह घोषणा की कि वह अब "Microsoft" में अंशकालिक रूप से कार्य करेंगे और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में पूर्णकालिक रूप से कार्य करेंगे |

वर्ष 2008 में गेट्स ने Microsoft के दैनिक परिचालन प्रबंधन कार्य से पूर्णतया विदा ले ली परन्तु अध्यक्ष और सलाहकार के रूप में वह "Microsoft" में विद्यमान रहे |

Rani Lakshmi Bai History In Hindi-झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का इतिहास

लक्ष्मीबाई उर्फ़ झाँसी की रानी मराठा शासित राज्य झाँसी की रानी थी। जो उत्तर-मध्य भारत में स्थित है। रानी लक्ष्मीबाई 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना थी जिन्होंने अल्पायु में ही ब्रिटिश साम्राज्य से संग्राम किया था।

झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का इतिहास-Rani Lakshmi Bai History In Hindi


पूरा नाम  – राणी लक्ष्मीबाई गंगाधरराव
जन्म       – 19 नवम्बर, 1835
जन्मस्थान – वाराणसी
पिता      – श्री. मोरोपन्त
माता      – भागीरथी
शिक्षा     – मल्लविद्या, घुसडवारी और शत्रविद्याए सीखी
विवाह    – राजा गंगाधरराव के साथ

Rani Lakshmi Bai – झांसी की रानी लक्ष्मी बाई


लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी जिले के भदैनी नमक नगर में हुआ था। उनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था परन्तु प्यार से उसे मनु कहा जाता था। मनु की माँ का नाम भागीरथीबाई तथा पिता का नाम मोरोपंत तांबे था। मनु के माता-पिता महाराष्ट्र से झाँसी में आये थे। मनु जब सिर्फ चार वर्ष की थी तभी उनकी माँ की मृत्यु हो गयी थी।

मोरोपंत एक मराठी थे और मराठा बाजीराव की सेवा में थे। मनु के माँ की मृत्यु के बाद घर में मनु की देखभाल के लिये कोई नही था इसलिये मनु के पिता उसे अपने साथ पेशवा के दरबार में ले गये। जहा चंचल एवं सुन्दर मनु ने सबका मन मोह लिया था। मनु ने बचपन में ही अपनी प्राथमिक शिक्षा घर से ही पूरी की थी और साथ ही मनु ने बचपन में शस्त्रों की शिक्षा भी ग्रहण की थी।

मई 1842 में 8 वर्ष की उम्र में उनका विवाह झाँसी के मराठा शासित महाराजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ हुआ और वह झाँसी की रानी बनी। विवाह के बाद उनका नाम लक्ष्मीबाई रखा गया।

1851 में रानी लक्ष्मीबाई ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम दामोदर राव रखा गया था लेकिन चार महीने की आयु में ही उसकी मृत्यु हो गयी। बाद में महाराजा ने एक पुत्र को दत्तक ले लिया। जो गंगाधर राव के ही भाई का बेटा था। बाद में उस दत्तक लिए हुए बेटे का नाम बदलकर महाराजा की मृत्यु से पहले दामोदर राव रखा गया था।

लेकीन ब्रिटिश राज को यह मंजूर नही था इसलिए उन्होंने दामोदर के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। उस मुक़दमे में दोनों ही तरफ से बहोत बहस हुई लेकिन बाद में इसे ख़ारिज कर दिया गया।

कंपनी शासन उनका राज्य हड़प लेना चाहता था। रानी लक्ष्मीबाई ने जितने दिन भी शासनसूत्र संभाला वो अत्याधिक सुझबुझ के साथ प्रजा के लिए कल्याण कार्य करती रही। इसलिए वो अपनी प्रजा की स्नेहभाजन बन गई थी। तत्पश्चात ब्रिटिश अधिकारियो ने राज्य का खजाना जब्त कर लिया और उनके पति के क़र्ज़ को रानी के सालाना खर्च में से काटने का फरमान जारी कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप रानी को झाँसी का किला छोड़ कर झाँसी के रानीमहल में जाना पड़ा।

मार्च 1854 को रानी लक्ष्मीबाई को झाँसी का किला छोड़ते समय 60000 रुपये और सालाना 5000 रुपये दिए जाने का आदेश दिया। लेकिन रानी लक्ष्मीबाई ने हिम्मत नही हरी और उन्होंने हर हाल में झाँसी राज्य की रक्षा करने का निश्चय किया। ब्रिटिश अधिकारी अधिकतर उन्हें झाँसी की रानी कहकर ही बुलाते थे।

घुड़सवारी करने में रानी लक्ष्मीबाई बचपन से ही निपुण थी। उनके पास बहोत से जाबाज़ घोड़े भी थे जिनमे उनके पसंदीदा सारंगी, पवन और बादल भी शामिल है। जिसमे परम्पराओ और इतिहास के अनुसार 1858 के समय किले से भागते समय बादल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाद में रानी महल, जिसमे रानी लक्ष्मीबाई रहती थी वह एक म्यूजियम में बदल गया था। जिसमे 9 से 12 वी शताब्दी की पुरानी पुरातात्विक चीजो का समावेश किया गया है।

उनकी जीवनी के अनुसार ऐसा दावा किया गया था की दामोदर राव उनकी सेना में ही एक था। और उसीने ग्वालियर का युद्ध लड़ा था। ग्वालियर के युद्ध में वह अपने सभी सैनिको के साथ वीरता से लड़ा था। जिसमे तात्या टोपे और रानी की संयुक्त सेनाओ ने ग्वालियर के विद्रोही सैनिको की मदद से ग्वालियर के एक किले पर कब्ज़ा कर लिया।

17 जुन 1858 को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में ब्रिटिश सेना से लड़ते-लड़ते रानी लक्ष्मीबाई ने वीरगति प्राप्त की।

भारतीय वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाली झाँसी की रानी एक आदर्श वीरांगना थी। सच्चा वीर कभी आपत्तियों से नही घबराता। उसका लक्ष्य हमेशा उदार और उच्च होता है। वह सदैव आत्मविश्वासी, स्वाभिमानी और धर्मनिष्ट होता है। और ऐसी ही वीरांगना झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई थी।



ऐसी वीरांगना के लिए हमें निम्न पंक्तिया सुशोभित करने वाली लगती है ।

सिंहासन हिल उठे, राजवंशो ने भृकुटी तानी थी।
बूढ़े भारत में भी आई, फिर से नयी जवानी थी।
गुमी हुई आज़ादी की कीमत, सबने पहचानी थी।
दूर फिरंगी को करने की, सबने मन में ठानी थी।
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी।
बुंदेले हरबोलों के मुह, हमने सुनी कहानी थी।
खुब लढी मर्दानी वह तो, झाँसी वाली रानी थी!!

Friday, 1 December 2017

Rahul Gandhi Biography In Hindi-राहुल गांधी की जीवनी

पूरा नाम – राहुल राजीव गांधी
जन्म      – 19 जून 1970
जन्मस्थान – दिल्ली
पिता      – राजीव फिरोज गांधी
माता      – सोनिया गांधी
शिक्षा     – कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से विकास संबंधी शिक्षा


राहुल गांधी की जीवनी-Rahul Gandhi Biography In Hindi




"Rahul Gandhi" नेहरू-गांधी परिवार के चौथी पीढ़ी के भारतीय राजनेता है. वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के वर्तमान उपाध्यक्ष है. साथ ही राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रिय विद्यार्थी संघ और राष्ट्रिय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर विराजमान है. अभी कुछ ही समय पहले वे ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के महामंत्री भी नियुक्त हुए. राहुल गांधी संसद के सदस्य भी है और अमेठी चुनाव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी कर रहे है.

फ़िलहाल कांग्रेस कमिटी के सदस्य के रूप में वे दूसरे स्थान पर माने जाते है. वे उन बहादुर लोगो के परिवार से सम्बन्ध रखते है जिन्होंने भारतीय इतिहास में भारतीय राजनीती में मुख्य भूमिका अदा की थी. उनके महान दादा पंडित जवाहरलाल नेहरू – Jawaharlal Nehru आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे. उनकी दादी इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थी.

इंदिरा गांधी ने अपने राजनैतिक ज्ञान से भारत पर बहोत प्रभाव छोड़ा था वे राजनितिक रूप से एक शक्तिशाली महिला मानी जाती थी. उनके पिता राजीव गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष और भारत के प्रधानमंत्री भी रह चुके है. उनकी माता सोनिया गांधी कांग्रेस की वर्तमान अध्यक्ष है. राहुल गांधी आने वाले चुनाव में कांग्रेस के नए चेहरे के रूप में जाने जाते है.


राहुल गांधी की व्यक्तिगत जीवन 

कांग्रेस के 'युवराज' राहुल गांधी यूं तो पहले से ही पार्टी में नंबर दो हैं, लेकिन 19 जनवरी 2013 को जयपुर चिंतन शिविर में उनको पार्टी उपाध्यक्ष बनाने का एलान के बाद वे अब अधिकृत तौर पर पार्टी में नंबर दो की हैसियत वाले नेता बन गए हैं।

राहुल गांधी का जन्म 19 जून, 1970 को भारत के राजनीतिक रूप से सबसे ताकतवर परिवार गांधी परिवार में हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के पुत्र और श्रीमती इंदिरा गांधी के पोते राहुल अपने माता-पिता की दो संतानों में बड़े हैं और प्रियंका गांधी वढेरा के बड़े भाई हैं।

संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के पुत्र राहुल की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल में हुई थी, इसके बाद वे प्रसिद्ध दून स्कूल में पढ़ने चले गए जहां उनके पिता राजीव ने भी शिक्षा ग्रहण की थी। 1981-83 तक सुरक्षा कारणों के कारण राहुल को अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी। राहुल ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से सन 1994 में अपनी कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद सन 1995 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एमफिल की डिग्री हासिल की।
स्नातक की पढ़ाई के बाद राहुल ने प्रबंधन गुरु माइकल पोर्टर की प्रबंधन परामर्श कंपनी मॉनीटर ग्रुप के साथ 3 साल तक काम किया। इस दौरान वे यहां छद्म नाम 'रॉल विंसी' के नाम से कार्य करते थे। सन 2002 के अंत में वे मुंबई में अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी से संबंधित एक आउटसोर्सिंग कंपनी के चलाने के लिए भारत लौट आए।

वर्ष 2003 में राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजनीति में रुचि लेना प्रारंभ किया। वे सार्वजनिक समारोहों में अपनी मां श्रीमती सोनिया गांधी के साथ दिखाई देने लगे। मार्च 2004 में चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ उन्होंने राजनीति में अपने प्रवेश की घोषणा की, जिसमें वे अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से लोकसभा के लिए खड़े हुए और लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।

2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए एक उच्च स्तर के कांग्रेस अभियान में उन्हें प्रमुख व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया। हालांकि पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। इससे राहुल को काफी आलोचना भी झेलना पड़ी थी।
राहुल को 24 सितंबर 2007 में पार्टी सचिवालय के एक फेरबदल में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव नियुक्त किया गया। उसी फेरबदल में, उन्हें युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। उनकी छवि कांग्रेस में एक युवा नेता के रूप में उभरी।

वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 333000 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया। इन चुनावों में कांग्रेस ने 80 लोकसभा क्षेत्रों वाले राज्य में 21 सीटें जीतकर राज्य में पार्टी में नए उत्साह का संचार किया। उस समय इस बदलाव का श्रेय भी राहुल गांधी को दिया गया।
हालांकि उनके कुछ बयानों से विवाद की स्थिति भी निर्मित भी हुई, जिसके कारण पूरी कांग्रेस को उनके बचाव के लिए आगे पड़ा। राहुल ने 1971 में पाकिस्तान के टूटने को, अपने परिवार की 'सफलताओं' में गिनाया, जिससे उन्हें काफी आलोचनाएं भी झेलना पड़ी थीं। बाबरी मस्जिद मामले में भी उन्होंने विवाद को हवा दी थी। हालांकि राहुल की असली परीक्षा अभी होना बाकी है, जब आगामी लोकसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा। यदि वहां उन्हें अपेक्षित सफलता मिलती है, निश्चित ही वे देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं।
"Rahul Gandhi" का जन्म 19 जून 1970 को दिल्ली में हुआ. वे प्राचीन भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दो बच्चों में सबसे बड़े थे. उनकी माता सोनिया गांधी वैसे तो इटली से है लेकिन अभी उन्होंने भारत की नागरिकता स्वीकार कर ली है. उनकी छोटी बहन प्रियंका वाड्रा ने व्यापारी रोबर्ट वाड्रा से शादी कर ली.

राहुल गांधी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सेंट कोलंबिया स्कूल दिल्ली से ग्रहण की और फिर बाद में 1981 से 1983 तक वे पढ़ने के लिए डून स्कूल, देहरादून, उत्तराखंड गए.

अब तक उनके जीवन में उनके साथ काफी हादसे हुए. 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गयी, जिसने राजीव गांधी को राजनीती में लाया और परिणामतः उन्हें भी भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. गांधी परिवार का उस समय सिख समुदाय में काफी विरोध किया था इसके चलते उस दौरान उनके परिवार को बहोत सुरक्षा प्रदान की गयी थी. परिणामतः विरोध के चलते राहुल और उनकी बहन प्रियंका को घर पर ही शिक्षा दी जाती थी.

सन् 1989 में वे दिल्ली कीसेंट स्टीफेन कॉलेज में शामिल हुए और वहा अपनी पढाई का प्रथम वर्ष पूरा करने के बाद वे हावर्ड विश्वविद्यालय गए. और इसी दौरान उनके साथ एक और हादसा हुवा, 1991 में "LTTE" द्वारा राजीव गांधी की भी हत्या कर दी गयी. दोबारा सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए राहुल को फ्लोरिडा के रोल्लिन्स कॉलेज में भेजा गया जहा उन्होंने 1994 में अपना BA पूरा किया. उस समय ऐसा माना जाता की थी केवल उनकी सुरक्षा एजेंसी और विश्वविद्यालय समिति को ही उनकी सही पहचान मालूम थी.

1995 में उन्होंने अपना "M.Phil" पुरा किया और इसी के साथ उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से विकास संबंधी शिक्षा प्राप्त की.



अपने ग्रेजुएशन के बाद, 3 साल तक राहुल गांधी ने लंदन के मॉनिटर ग्रुप के लिए काम किया, जो मैनेजमेंट गुरु माइकल पोर्टर की ही सलाहकार संस्था थी. 2002 के अंत में भारत वापिस आने के बाद वे टेक्नोलॉजी आउटसोर्सिंग फर्म और बस्कोपस सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, मुम्बई के अध्यक्ष बने.

और बाद में कुछ सालो बाद से राजनीति में सक्रीय रूप से कार्यरत है.