Beej mantra in hindibeej mantra : यानि मूल मंत्र के जाप के क्या फायदे है। एक सामान्य मंत्र और बीज मंत्र में क्या फर्क है और बीज मंत्र कैसे सामान्य मंत्र से अलग है। beej mantra के उच्चारण में क्या सावधानी रखनी चाहिए और मूल मंत्र क्या खतरनाक भी हो सकते है। बीज मंत्र उच्चारण कैसे करना चाहिए जिससे की मंत्र तंत्र सिद्धि आसानी से हासिल की जा सके। beej mantra meaning in hindi, beej mantra for money and wealth कैसे सही तरीके से काम करता है।
बीज मंत्र या मूल मंत्र ऐसे कुछ खास मंत्र है जो बेहद छोटे लेकिन प्रभावशाली है। बीज मंत्र इतने शक्तिशाली होते है की कम समय में साधक को अलौकिक अनुभव करवाने में सक्षम है। बीज मंत्र कुछ समय बाद ही अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देते है और अगर नियमित इनका उच्चारण किया जाए तो उस वातावरण में ये जाग्रत हो दिव्य प्रभाव दिखाना शुरू कर देते है। कुछ लोगो के अनुसार एक नियमित जाप बीज मंत्र के करने के बाद साधक के साधना कक्ष में उस ऊर्जा को महसूस किया जा सकता है जिसमे ध्यान लगाना बेहद सहज, समाधी अनुभव और यहाँ तक की एक दिव्य अनुभूति का अहसास भी देखने को मिलता है। यही वजह है की बीज मंत्र बेहद शक्तिशाली होने के साथ साथ दिव्य भी होते है।
मंत्र, beej mantra यहाँ तक की हमारे मुँह से निकली हर छोटी छोटी से साउंड भी इस यूनिवर्स में कही ना कही गूंजती रहती है। वैज्ञानिकों ने माना है की यूनिवर्स में सबसे ज्यादा गूंजने वाली साउंड ॐ की है। बीज मंत्र हमारे अंतर को प्रभावशाली बनाते है। इनके उच्चारण में एक अलग ऊर्जा के प्रवाह को महसूस किया जा सकता है। अगर बीज मंत्र का सही उच्चारण किया जाए तो कुण्डलिनी और सप्त चक्र जागरण को आसानी से महसूस किया जा सकता है।
बीज मंत्र और उनके जप का अलग अलग तरीका है। बीज मंत्र के उच्चारण के दौरान मंत्र से जुड़े चक्र पर भी साधक का ध्यान होना चाहिए साथ ही उच्चारण सामान्य ना हो कर वोकल से जुड़ा होना चाहिए। तिब्बत पद्धति में मंत्र जाप को आसानी से सिद्ध इसी लिए कर लेते है क्यों की उन्हें वोकल फेज का पूरा पता होता है। वोकल फेज मंत्र के जागरण में अहम भूमिका निभाते है। ये कुछ कुछ सप्त चक्र के जागरण के वक़्त लगाए जाने वाले चक्र के ध्यान से मिलता है।
ये भी पढ़े : अगर आपके अंदर होते है ये आध्यात्मिक बदलाव तो आप बन सकते है सबसे बेहतर
बीज मंत्र सामान्य मंत्र से 1000 गुना ज्यादा प्रभावशाली होते है इसलिए हम कह सकते है की बीज मंत्र का प्रभाव भी हमें एक सामान्य मंत्र के मुकाबले कही ज्यादा मिलता है। root mantra एक ऐसा मंत्र है तुरंत ऊर्जा के प्रवाह को साधक के भौतिक स्वरूप और फिर मानसिक स्वरूप से जाग्रत कर देता है। एक बार बीज मंत्र साधक द्वारा सिद्ध होने के बाद जुबान और मानसिक स्वरूप में हमेशा उच्चरित होता है। यही बीज मंत्र की असली शक्ति होती है।
अगर सही विधि और विधान के साथ बीज मंत्र का जाप ना किया जाए तो इनके प्रभाव विपरीत भी हो सकते है। बीज मंत्र अपने आसपास की नकारात्मक और सकारात्मक शक्ति दोनों को ही आकर्षित करते है। यही वजह है की मंत्रो को भी जाग्रत करना, शुद्धिकरण करना बेहद जरुरी है। सिर्फ मंत्र जाप ही काफी नहीं होता है मंत्र जाप से पहले के विधान भी पुरे करना जरूरी होता है जिसकी वजह से साधक के आसपास का वातावरण शुद्ध होता है और साधना के साथ बीज मंत्र का सही लाभ मिल पाता है।
अक्सर ऐसा हो सकता है की मंत्र जाप के समय हमें कुछ अनुभव ना हो या फिर डरावने अनुभव हो लेकिन हमारे आसपास का वातावरण उस बीज मन्त्र से सक्रिय हो अपना प्रभाव बना लेता है। इसलिए अगर आपको लगता है की मंत्र का अनुभव नहीं हुआ और मंत्र बीच में छोड़ दिया तो ऐसा ना करे क्यों की सही समय पर या उसके कुछ समय बाद मंत्र का प्रभाव देखने को जरूर मिलता है।
ये भी पढ़े : सम्मोहन से जुड़े टॉप myth और confusing फैक्ट क्या आप जानते है ?
शाबर बीज मंत्र भी बीज मन्त्र की तरह प्रभावशाली होते है लेकिन इन्हे कोई भी ग्रहण कर सकता है। गुरु मंत्र और गुरु दीक्षा की तरह ही बीज मंत्र को सिद्ध किया जाता है लेकिन शाबर मंत्र सरल होते है जिनका कोई दोष साधक को नहीं लगता है। मंत्र सिद्धि के लिए उसका निश्चित मात्रा में जाप करना बेहद जरूरी है। किसी भी मंत्र के साथ उसके उच्चारण की मात्रा का भी जिक्र किया जाता है। क्या वाकई इनकी मात्रा निश्चित होती है ?
मंत्र के जप को एक तय मात्रा में दोहराने पर वो जाग्रत हो जाता है और अपना प्रभाव दिखाने लगता है। ये एक सवाल ही है की एक खास मात्रा ही क्यों ? क्या एक हजार से एक भी कम होने पर मंत्र जाग्रत नहीं होगा ! ब्रह्माण्ड में फैले हर मंत्र का जाप एक बंद ताले को चाबी से खोलने जैसा है। मात्रा कम या ज्यादा मायने रखती है या नहीं ये तो पता नहीं लेकिन किसी भी मंत्र को एक फिक्स मात्रा में जाप कर ही अनलॉक किया जा सकता है। इस बारे में आपका क्या सोचना है हमें जरूर बताये।
बीज मंत्र अपने आप में बहुत सारे आध्यात्मिक लाभ लिए होते है इसलिए अगर सही तरीके से हम बीज मंत्र का जाप करे तो कई तरह के लाभ ले सकते है जैसे की
ॐ का जाप मानसिक शांति और एकाग्रता के लिए।
क्रीं मंत्र का जाप शत्रुओ के दमन में प्रभावशाली है।
भगवान श्री नरसिह का बीज मंत्र हमे गहरी मानसिक शांति प्रदान करता है।
दुर्गा बीज मंत्र के जाप से रुके हुए कार्य सिद्ध होते है।
कहते है 100 मंत्रो की शक्ति और लाभ एक अकेले बीज मंत्र में होती है। इसलिए बीज मंत्र का जाप आपके लिए कई तरह से लाभदायक साबित हो सकता जरुरत है तो बस सही बीज मंत्र के चुनाव की।
ये भी पढ़े : क्या होता है जब आप पहली बार ध्यान करते है जानिए कुछ अनदेखी बातो को
बीज मंत्र में सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात ये है की इन्हे हमेशा किसी योग्य से ही लिया जाना चाहिए। हम सामान्य मन्त्र को जैसे चाहे उच्चारण कर सकते है क्यों की उनके परवाह में लय के बगैर वो प्रभाव नहीं दिखा सकते है लेकिन बीज मंत्र के साथ ऐसा नहीं है। बीज मंत्र अपने आप में जाग्रत होते है और अगर इनका पूर्ण विधि विधान के बगैर उच्चारण किया जाए तो उस समय भले ही हमें असर न दिखे लेकिन वायुमण्डल में उसका प्रभाव बना रहता है। इसलिए कभी भी बिना समझे बीज मंत्र का उच्चारण या उसे जाग्रत ( अपनी सिद्धि के लिए ) नहीं करना चाहिए।
लगभग 4 साल पहले मुझे एक ऑनलाइन फ्रेंड ने एक बीज मंत्र दिया था। उनका कहना था की ये मंत्र कुण्डलिनी और सप्त चक्र जागरण में बेहद प्रभावशाली है। में उस वक़्त शक्ति चक्र के अभ्यास में था। जिज्ञासा वश उसी रात मेने उस मंत्र का जाप करना शुरू कर दिया था। मंत्र जाप के दौरान कमरे में बिलकुल अँधेरा था और लगभग 10 मिनट बाद ही मुझे एक तीव्र ऊर्जा शरीर में महसूस होने लगी थी।
मेरे लिए ये एक नया अहसास था जब बहुत कम समय में ही तीव्र ऊर्जा का प्रवाह शरीर में होने लगा था। उस वक़्त एक घटना और भी घटने लगी थी मुझे लगा जैसे मेरा दम घुट रहा है। और कमरे में कोई और भी है। हालाँकि मंत्र के विधान सिर्फ 3 दिन के ही थे लेकिन मेने ये विधि एक ही रात की थी। इसके बाद ये बीज मंत्र और इसका विधान मेने एक ग्रुप मेंबर के साथ शेयर किया। उन्होंने इसे कुछ दिन किया था और उन्हें भी वही अहसास हुआ जो मुझे हुआ।
shabar beej mantra kya hai
एक समान्य इंसान को किस तरह के मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसे ही कई सवाल आपके मन में जरूर उठते होंगे जब आप मंत्रो को सुनते है मंदिर में तो आपके अंदर एक दिव्य अनुभूति, अहसास जरूर होता होगा। शाबर बीज मंत्र जल्दी सिद्ध होते है लेकिन इन्हे सही तरीके से कैसे सिद्ध किया जाए।
beej mantra क्या है :
बीज मंत्र या मूल मंत्र ऐसे कुछ खास मंत्र है जो बेहद छोटे लेकिन प्रभावशाली है। बीज मंत्र इतने शक्तिशाली होते है की कम समय में साधक को अलौकिक अनुभव करवाने में सक्षम है। बीज मंत्र कुछ समय बाद ही अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देते है और अगर नियमित इनका उच्चारण किया जाए तो उस वातावरण में ये जाग्रत हो दिव्य प्रभाव दिखाना शुरू कर देते है। कुछ लोगो के अनुसार एक नियमित जाप बीज मंत्र के करने के बाद साधक के साधना कक्ष में उस ऊर्जा को महसूस किया जा सकता है जिसमे ध्यान लगाना बेहद सहज, समाधी अनुभव और यहाँ तक की एक दिव्य अनुभूति का अहसास भी देखने को मिलता है। यही वजह है की बीज मंत्र बेहद शक्तिशाली होने के साथ साथ दिव्य भी होते है।
बीज मंत्र कैसे काम करते है :
मंत्र, beej mantra यहाँ तक की हमारे मुँह से निकली हर छोटी छोटी से साउंड भी इस यूनिवर्स में कही ना कही गूंजती रहती है। वैज्ञानिकों ने माना है की यूनिवर्स में सबसे ज्यादा गूंजने वाली साउंड ॐ की है। बीज मंत्र हमारे अंतर को प्रभावशाली बनाते है। इनके उच्चारण में एक अलग ऊर्जा के प्रवाह को महसूस किया जा सकता है। अगर बीज मंत्र का सही उच्चारण किया जाए तो कुण्डलिनी और सप्त चक्र जागरण को आसानी से महसूस किया जा सकता है।
बीज मंत्र और उनके जप का अलग अलग तरीका है। बीज मंत्र के उच्चारण के दौरान मंत्र से जुड़े चक्र पर भी साधक का ध्यान होना चाहिए साथ ही उच्चारण सामान्य ना हो कर वोकल से जुड़ा होना चाहिए। तिब्बत पद्धति में मंत्र जाप को आसानी से सिद्ध इसी लिए कर लेते है क्यों की उन्हें वोकल फेज का पूरा पता होता है। वोकल फेज मंत्र के जागरण में अहम भूमिका निभाते है। ये कुछ कुछ सप्त चक्र के जागरण के वक़्त लगाए जाने वाले चक्र के ध्यान से मिलता है।
ये भी पढ़े : अगर आपके अंदर होते है ये आध्यात्मिक बदलाव तो आप बन सकते है सबसे बेहतर
beej mantra सामान्य मंत्र से अलग कैसे है :
बीज मंत्र सामान्य मंत्र से 1000 गुना ज्यादा प्रभावशाली होते है इसलिए हम कह सकते है की बीज मंत्र का प्रभाव भी हमें एक सामान्य मंत्र के मुकाबले कही ज्यादा मिलता है। root mantra एक ऐसा मंत्र है तुरंत ऊर्जा के प्रवाह को साधक के भौतिक स्वरूप और फिर मानसिक स्वरूप से जाग्रत कर देता है। एक बार बीज मंत्र साधक द्वारा सिद्ध होने के बाद जुबान और मानसिक स्वरूप में हमेशा उच्चरित होता है। यही बीज मंत्र की असली शक्ति होती है।
क्या बीज मंत्र खतरनाक होते है :
अगर सही विधि और विधान के साथ बीज मंत्र का जाप ना किया जाए तो इनके प्रभाव विपरीत भी हो सकते है। बीज मंत्र अपने आसपास की नकारात्मक और सकारात्मक शक्ति दोनों को ही आकर्षित करते है। यही वजह है की मंत्रो को भी जाग्रत करना, शुद्धिकरण करना बेहद जरुरी है। सिर्फ मंत्र जाप ही काफी नहीं होता है मंत्र जाप से पहले के विधान भी पुरे करना जरूरी होता है जिसकी वजह से साधक के आसपास का वातावरण शुद्ध होता है और साधना के साथ बीज मंत्र का सही लाभ मिल पाता है।
अक्सर ऐसा हो सकता है की मंत्र जाप के समय हमें कुछ अनुभव ना हो या फिर डरावने अनुभव हो लेकिन हमारे आसपास का वातावरण उस बीज मन्त्र से सक्रिय हो अपना प्रभाव बना लेता है। इसलिए अगर आपको लगता है की मंत्र का अनुभव नहीं हुआ और मंत्र बीच में छोड़ दिया तो ऐसा ना करे क्यों की सही समय पर या उसके कुछ समय बाद मंत्र का प्रभाव देखने को जरूर मिलता है।
ये भी पढ़े : सम्मोहन से जुड़े टॉप myth और confusing फैक्ट क्या आप जानते है ?
shabar beej mantra और मंत्र फिक्स जाप :
शाबर बीज मंत्र भी बीज मन्त्र की तरह प्रभावशाली होते है लेकिन इन्हे कोई भी ग्रहण कर सकता है। गुरु मंत्र और गुरु दीक्षा की तरह ही बीज मंत्र को सिद्ध किया जाता है लेकिन शाबर मंत्र सरल होते है जिनका कोई दोष साधक को नहीं लगता है। मंत्र सिद्धि के लिए उसका निश्चित मात्रा में जाप करना बेहद जरूरी है। किसी भी मंत्र के साथ उसके उच्चारण की मात्रा का भी जिक्र किया जाता है। क्या वाकई इनकी मात्रा निश्चित होती है ?
मंत्र के जप को एक तय मात्रा में दोहराने पर वो जाग्रत हो जाता है और अपना प्रभाव दिखाने लगता है। ये एक सवाल ही है की एक खास मात्रा ही क्यों ? क्या एक हजार से एक भी कम होने पर मंत्र जाग्रत नहीं होगा ! ब्रह्माण्ड में फैले हर मंत्र का जाप एक बंद ताले को चाबी से खोलने जैसा है। मात्रा कम या ज्यादा मायने रखती है या नहीं ये तो पता नहीं लेकिन किसी भी मंत्र को एक फिक्स मात्रा में जाप कर ही अनलॉक किया जा सकता है। इस बारे में आपका क्या सोचना है हमें जरूर बताये।
beej mantra और उनके spiritual benefit
बीज मंत्र अपने आप में बहुत सारे आध्यात्मिक लाभ लिए होते है इसलिए अगर सही तरीके से हम बीज मंत्र का जाप करे तो कई तरह के लाभ ले सकते है जैसे की
ॐ का जाप मानसिक शांति और एकाग्रता के लिए।
क्रीं मंत्र का जाप शत्रुओ के दमन में प्रभावशाली है।
भगवान श्री नरसिह का बीज मंत्र हमे गहरी मानसिक शांति प्रदान करता है।
दुर्गा बीज मंत्र के जाप से रुके हुए कार्य सिद्ध होते है।
कहते है 100 मंत्रो की शक्ति और लाभ एक अकेले बीज मंत्र में होती है। इसलिए बीज मंत्र का जाप आपके लिए कई तरह से लाभदायक साबित हो सकता जरुरत है तो बस सही बीज मंत्र के चुनाव की।
ये भी पढ़े : क्या होता है जब आप पहली बार ध्यान करते है जानिए कुछ अनदेखी बातो को
बीज मंत्र में सावधानी
बीज मंत्र में सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात ये है की इन्हे हमेशा किसी योग्य से ही लिया जाना चाहिए। हम सामान्य मन्त्र को जैसे चाहे उच्चारण कर सकते है क्यों की उनके परवाह में लय के बगैर वो प्रभाव नहीं दिखा सकते है लेकिन बीज मंत्र के साथ ऐसा नहीं है। बीज मंत्र अपने आप में जाग्रत होते है और अगर इनका पूर्ण विधि विधान के बगैर उच्चारण किया जाए तो उस समय भले ही हमें असर न दिखे लेकिन वायुमण्डल में उसका प्रभाव बना रहता है। इसलिए कभी भी बिना समझे बीज मंत्र का उच्चारण या उसे जाग्रत ( अपनी सिद्धि के लिए ) नहीं करना चाहिए।
root mantra के जाप का मेरा अनुभव :
लगभग 4 साल पहले मुझे एक ऑनलाइन फ्रेंड ने एक बीज मंत्र दिया था। उनका कहना था की ये मंत्र कुण्डलिनी और सप्त चक्र जागरण में बेहद प्रभावशाली है। में उस वक़्त शक्ति चक्र के अभ्यास में था। जिज्ञासा वश उसी रात मेने उस मंत्र का जाप करना शुरू कर दिया था। मंत्र जाप के दौरान कमरे में बिलकुल अँधेरा था और लगभग 10 मिनट बाद ही मुझे एक तीव्र ऊर्जा शरीर में महसूस होने लगी थी।
मेरे लिए ये एक नया अहसास था जब बहुत कम समय में ही तीव्र ऊर्जा का प्रवाह शरीर में होने लगा था। उस वक़्त एक घटना और भी घटने लगी थी मुझे लगा जैसे मेरा दम घुट रहा है। और कमरे में कोई और भी है। हालाँकि मंत्र के विधान सिर्फ 3 दिन के ही थे लेकिन मेने ये विधि एक ही रात की थी। इसके बाद ये बीज मंत्र और इसका विधान मेने एक ग्रुप मेंबर के साथ शेयर किया। उन्होंने इसे कुछ दिन किया था और उन्हें भी वही अहसास हुआ जो मुझे हुआ।
No comments:
Post a Comment